केंद्र सरकार जल्द ही चीनी निर्यात कोटे को बढ़ाने पर फैसला कर सकती है. साथ ही आटे की कीमतों को स्थिर रखने के लिए भी कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है. फूड सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि अभी 61 लाख टन चीनी निर्यात को मंजूरी दी गई है. इसमें से 18 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है. जबकि, 12 लाख टन चीनी पोर्ट पर है. उन्होंने कहा कि निर्यात की डेडेलाइन 31 मई है.
संजीव चोपड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार अगले महीने चीनी निर्यात का कोटा बढ़ाने पर फैसला करेगी. उन्होंने कहा कि एथेनॉल ब्लेंडिंग के टारगेट पूरा करने का काम भी जारी है. हालांकि, सरकार आटे की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित है और जल्द ही महंगाई को रोकने के लिए कोई बड़ा कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि गेंहू की ओपन मार्केट सेल पर भी फैसला होगा.
लगभग 112 लाख टन चीनी का निर्यात किया था
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि पिछले विपणन वर्ष में इन मिलों ने लगभग 112 लाख टन चीनी का निर्यात किया था, जो अब तक का सर्वाधिक निर्यात है. जबकि, इस्मा ने एक बयान में कहा था कि चालू विपणन वर्ष में 15 जनवरी, 2023 तक चीनी का उत्पादन 156.8 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह उत्पादन 150.8 लाख टन था.
55 लाख टन का अनुबंध किया जा चुका है
इस्मा ने कहा था कि बंदरगाह की सूचना और बाजार की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक चीनी के निर्यात के लिए लगभग 55 लाख टन का अनुबंध किया जा चुका है. उसमें से 18 लाख टन से अधिक चीनी का 31 दिसंबर, 2022 तक देश से बाहर निर्यात किया जा चुका है. इस्मा ने कहा कि यह दिसंबर 2021 के अंत तक निर्यात की जाने वाली चीनी के लगभग समान है.
लगभग 509 मिलें पेराई कर रही थीं
इसी तरह बीते दिनों खबर सामने आई थी कि चालू विपणन वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश का चीनी उत्पादन 3.69 प्रतिशत बढ़कर 120.7 लाख टन हो गया. उद्योग निकाय इस्मा ने यह जानकारी दी थी. चीनी के विश्व के प्रमुख उत्पादक देशों में से एक भारत में चीनी का उत्पादन पिछले विपणन वर्ष की समान अवधि में 116.4 लाख टन का हुआ था. चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुसार, उक्त अवधि में पहले के 500 मिलों के मुकाबले लगभग 509 मिलें पेराई कर रही थीं.